ABG Shipyard Scam :~विजय माल्या-नीरव मोदी छूटे पीछे, शिपयार्ड कंपनी ने किया सबसे बड़ा बैंक घोटाला, क्या है पूरा मामला आइये जानते है
बैंक धोखाधड़ी के मामले में अब तक विजय माल्या और नीरव मोदी का नाम ही सबसे ऊपर था। केन्द्र सरकार का पूरा फोकस भी इन्हीं दोनों पर था । लेकिन इस बीच एक नया घोटाला सामने आ गया और माल्या-मोदी को कहीं पीछे छोड़ दिया.
हम बात कर रहे हैं एबीजी शिपयार्ड कंपनी द्वारा किए गए घोटाले की, यह बैंक फ्रॉड करीब 23 हजार करोड़ का है यानी विजय माल्या 9 हजार करोड़ और नीरव मोदी 14 हजार करोड़, दोनों की कुल धोखाधड़ी के बराबर.
तो आइए जानते हैं अब तक के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड के बारे में
बता दें कि गुजरात की कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और एबीजी इंटरनेशनल लिमिटेड को 28 बैंकों के कंसोर्टियम ने कर्ज़ दिया था .
एसबीआई बैंक के अफसरों की अनुसार कंपनी के ख़राब प्रदर्शन की वजह से नवंबर 2013 में उसका खाता एनपीए बन गया था .
कंपनी को उबारने की कई कोशिश हुई लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद कंपनी का फ़ॉरेंसिक ऑडिट कराया गया जिसकी रिपोर्ट 2019 में आई.
इस कंसोर्टियम की अगुवाई icici bank कर रहा था, लेकिन सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होने के नाते SBI ने ही सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई. बैंकों को 22842 करोड़ का नुकसान हुआ जिसमें सबसे ज्यादा 7,089 करोड़ का नुकसानसआईसीआईसी बैंक को हुआ।
हुआ केस दर्जनो पड़े छापे
इस मामले में सीबीआई ने 12 फरवरी को मुंबई, पुणे,सूरत और भरूच समेत 13 जगहों पर छापेमारी की,जिसमें कई दस्तावेज और इलेट्रॉनिक सबूत बरामद हुए,जांच में ये भी साफ हुआ कि सभी आरोपी देश में ही हैं.
इस मामले में सरकार का कहना है कि घोटाला यूपीए सरकार के समय का है ,जैसे ही ये सामने आया कार्रवाई की गई.
देश की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी
देश के इतिहास का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड सामने आया है। जो भगोड़े घोषित किए जा चुके विजय व नीरव मोदी की कुल धोखाधड़ी के बराबर है.
सूरत की कम्पनी एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard )ने ये 22,842 करोड़ रुपये का बड़ा घोटला किया है। इसके सामने आने के बाद जहां देशवासियों को बड़ी हैरान हुई, वहीं विपक्ष को भी केंद्र सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है.
सीबीआई ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कंपनी के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने देश की अलग-अलग 28 बैंकों से कारोबार के नाम पर 2012से 2017 के बीच कुल 28,842 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।
प्रमुख बैंकों का कंपनी पर कितना बकाया?
आईसीआईसीआई 7,089 करोड़ रुपये
आईडीबीआई 3,634 करोड़ रुपये
स्टेट बैंक आफ इंडिया 2,468.51 करोड़ रुपये
बैंक ऑफ बड़ौदा 1,614 करोड़ रुपये
पीएनबी 1244 करोड़ रुपये
आईओबी1,228 करोड़ रुपये
स्टेट बेक का क्या बयान है
स्टेट बैंक ने इस मामले में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 2 दर्जन से अधिक उधारदाताओं ने पैसे दिए थे। कंपनी के खराब प्रदर्शन के कारण खाता गैर निष्पादित संपत्ति (NPA) में तब्दील हो गया था। कंपनी के संचालन को ठीक करने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन सब बेकार रहे। SBI ने बताया कि मार्च 2014 में सभी उधारदाताओं द्वारा कंपनी ऋण पुनर्गठन (CDR) के तहत खाते की पुनर्रचना की गई थी।
शिपिंग उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा था। इसलिए कंपनी का संचालन पुनर्जीवित नहीं हो सका। पुनर्गठन विफल होने के कारण खाते को नवंबर 2013 से जुलाई 2016 में एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया था। अप्रैल 2018 में उधारदाताओं द्वारा अर्न्स्ट एंड यंग को फॉरेंसिक ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया गया था। धोखाधड़ी मुख्य रूप से धन के विचलन’ दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात की रही।
ABG कम्पनी का कारोबार क्या है
एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत साल 1985 में हुई थी । गुजरात के दाहेज और सूरत में एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है।
अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है। इस कंपनी ने 1991 तक अच्छा मुनाफा कमाते हुए देश-विदेश से बड़े ऑर्डर हासिल किए। रिपोर्ट के अनुसार 2016 में कंपनी को 55 करोड़ डॉलर से ज्यादा का भारी नुकसान हुआ और इसके बाद इसकी हालत पतली होती गई.
अपनी वित्तीय हालत का हवाला देते हुए कंपनी ने बैंकों से कर्ज लिया और इस सबसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया।SBI ने यह भी बताया कि आखिर क्यों बैंकों के संघ की तरफ से उसने की मामले में केस दर्ज करवाया.
दरअसल, आईसीआईसीआई और आईडीबीआई बैंक कंसोर्शियम में पहले और दूसरे अग्रणी ऋणदाता थे। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एसबीआई सबसे बड़ा ऋणदाता था, इसलिए यह तय हुआ कि सीबीआई के पास शिकायत दर्ज एसबीआई कराएगा।
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